Sunday, July 17, 2011

कालेधन पर नाकाम केंद्र से अदालतें नाराज : भाजपा

उच्चतम न्यायालय कालाधन मामले पर एक विशेष जांच दल (एसआइटी) की नियुक्ति कर रहा है। इस पर भाजपा का कहना है कि गैरकानूनी तरीके से विदेशों में जमा पैसे को वापस लाने में नाकाम केंद्र सरकार से न्यायालय के साथ ही आम लोग भी नाराज थे। भाजपा के प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा कि कानूनी तौर पर सरकार न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए एसआइटी गठन पर पुनर्विचार की याचिका दाखिल कर सकती है। हालांकि, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इस मुद्दे पर अदालतें और लोग सरकार से नाराज हैं। जावडेकर ने कहा कि संप्रग सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में दावा किया था कि 100 दिन में काले धन को वापस लाया जाएगा, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं किया जा सका है। हसन अली केस का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने अली के खिलाफ गलत तरीकों से पूंजी जुटाने का मामला दर्ज करने के बजाये आयकर की अनदेखी का मामला दर्ज किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब सरकार विदेशों में भारतीयों के बैंक खातों की जानकारी जुटा सकती थी, तब संप्रग सरकार भविष्य के मद्देनजर समझौता करने की इच्छुक नजर आई। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि गैरकानूनी लेनदेन और ड्रग्स की बिक्री से जुटाकर विदेशों में रखी जाने वाली पूंजी अवैध धन है। सबसे पहले सरकार को दोषियों के खिलाफ मामले दर्ज करने चाहिए। कांग्रेस ने कहा है कि शीर्ष न्यायालय के निर्देश पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करना सरकार और न्यायालय के बीच का मामला है। कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा कि हमारे संविधान में यह सुविधा है कि जब कोई किसी फैसले से संतुष्ट नहीं होता, तो वह बड़ी पीठ या उससे ऊंचे न्यायालय में याचिका दाखिल कर सकता है। शुक्रवार को केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से पुनर्विचार की अपील की है।

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