Sunday, July 17, 2011

दिग्विजय बोले, मेरा भाई कलमाड़ी बेगुनाह

कांग्रेस ने भ्रष्टाचारी नेताओं की खुली पैरोकारी शुरू कर दी है। राष्ट्रमंडल खेल घोटाले के कारण तिहाड़ जेल में दिन गुजार रहे आयोजन समिति के मुखिया सुरेश कलमाड़ी के प्रति पार्टी में पहली बार सहानुभूति के स्वर फूटे है। पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने सांसद सुरेश कलमाड़ी और आदर्श हाउसिंग घोटाले में फंसे महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण को बेगुनाह बताने के साथ ही अदालत से उन्हें जमानत देने पर विचार करने का अनुरोध तक कर डाला। यह अलग बात है कि उन्होंने इसे कांग्रेस पार्टी के बजाए अपना निजी विचार बताया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सोमवार को कलमाड़ी के गढ़ पुणे में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, मुझे दुख होता है कि मेरे भाई सुरेश कलमाड़ी को यह दिन देखना पड़ रहा है। उस समय भी मुझे बहुत बुरा लगा था जब अशोक चह्वाण को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाया गया था। हालांकि मेरा व्यक्तिगत रूप से यह मानना है कि कलमाड़ी और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण (आदर्श घोटाला) दोनों बेगुनाह हैं, दोनों बेदाग निकलेंगे, लेकिन सोनिया गांधी जी ने भ्रष्टाचार के आरोप लगते ही दोनों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की। दिग्विजय ने कहा,जिन मामलों में आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है और जांच पूरी हो चुकी है, न्यायपालिका को ऐसे मामलों में आरोपी को जमानत देने पर विचार करना चाहिए। इस संबंध में उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। दिग्विजय सिंह ने कहा, कांग्रेस ने हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग लड़ी है। सूचना अधिकार कानून की वजह से आदर्श सोसाइटी, राष्ट्रमंडल खेल और 2-जी स्पेक्ट्रम जैसे घोटाले सामने आये हैं, जो कि कांग्रेस की देन है। उन्होंने कहा, कांग्रेस किसी को भी बचाने के बजाए ऐसे सभी मामलों पर कार्रवाई करती है। सीबीआइ ने 25 अप्रैल 2011 को सुरेश कलमाड़ी को धोखाधड़ी और सरकारी धन में हेरफेर के मामले में गिरफ्तार किया था। इस मामले में राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के कई अन्य अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। जांच एजेंसी कलमाड़ी के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र पेश कर चुकी है। वहीं, अशोक चह्वाण को आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाले में कथित संलिप्तता के कारण नवंबर 2010 में मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी।

http://in.jagran.yahoo.com/epaper/article/index.php?page=article&choice=print_article&location=49&category=&articleid=111716138230794494


No comments: