अनुराधा के द्वारा रचित कलाकृतिये कलाकृति हमारी अनुराधा के द्वारा चित्रित की गयी है. अनुराधा आज हमारे बीच में नहीं है. आज से एक साल पहले 07-07-2007 के दिन अनुराधा 16 साल की अवस्था में ही ईश्वर के चरणों में चली गयी इस नाशवान जगत से हमेशा के लिये . अनुराधा ने अपने नेत्रदान के द्वारा एक पुण्य सेवाकर्म भी किया. ये चित्र अनुराधा ने बिना किसी मार्गदर्शन के अपनी प्रतिभा से ही बनाया है.यह चित्र अधूरा था इसे अनुराधा ने कुछ ही समय पहले पूरा किया था.
Monday, September 1, 2008
अनुराधा द्वारा रचित कलाकृति
मुझको मत मारो मैं भी तो तुम जैसी हूँ ,
अनुसूया-सावित्री बन मैं जग में आई,
लक्ष्मी-सीता बनकर मैं देवी कहलाई,
जोधा बनकर भारत का सम्मान बचाया,
मीरा बनकर भक्ति रस का पान कराया ,
देव-भूमि भारत में गंगा बन बहती हूँ,
मुझको मत मारो, मैं भी तो तुम जैसी हूँ
जब भारत में सत्ता का कोहराम मचा था,
'पन्ना' बन कर मैने ही इतिहास रचा था,
गौरों ने उत्पात किया जब इस भूमि पर,
'लक्ष्मी' बनकर दुष्टों का संहार किया था,
घर में माँ, रण में रणचंडी बन रहती हूँ ,
मुझको मत मारो, मैं भी तो तुम जैसी हूँ
महावीर,बुद्ध,सुकरात को शांति का पाठ पढाया ,
जवाहर और बापू को मैने गोद खिलाया,
भगत सिंह, आज़ाद, गुरु की मैं जननी हूँ,
तुलसी,सूर,कबीर की,वाणी और कथनी हूँ ,
सब कुछ देकर भी जग का मैं दुख सहती हूँ ,
मुझको मत मारो, मैं भी तो तुम जैसी हूँ
क्या खतरा है मुझसे, तुम मुझको बतला दो,
मुझे मारकर क्या मिल जाएगा बतला दो,
क्या अन्तर है बेटा-बेटी में समझा दो ,
क्या बेटी जग में नाम नहीं करती बतला दो ,
जैसा बेटा प्यारा लगता, मैं भी वैसी हूँ,
मुझको मत मारो, मैं भी तो तुम जैसी हूँ
मुझको भी खिल जाने दो अपने उपवन में,
क्या मिल मुझे मसलकर, सोचो मन में,
यदि तरस मुझ पर तुम नहीं खाओगे ,
याद रखो आगे चलकर पछताओगे ,
याद रखो आगे चलकर पछताओगे ,
'भ्रूण हत्या बन्द करो' , मैं सच कहती हूँ,
मुझको मत मारो, मैं भी तो तुम जैसी हूँ
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