Sunday, July 17, 2011

हर आतंकी हमला रोकना मुश्किल

महंगाई और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर पहले ही बगले झांक रही कांग्रेस अब आतंकवाद के सिर उठाने से और हलकान है। पिछले कुछ समय से आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर शांति को लेकर कॉलर खड़ा करती रही पार्टी मुंबई के श्रृंखलाबद्ध धमाकों के बाद हिल गई है। कांग्रेस इस मुद्दे पर कुछ बोलती कि इससे पहले उड़ीसा में राहुल गांधी ने शत-प्रतिशत सुरक्षा को बेहद मुश्किल बता दिया और जब इस पर हंगामा मचा तथा विपक्षी नेताओं ने इस टिप्पणी को गैर जिम्मेदाराना बताया तो कांग्रेस उनके बयान को सही ठहराने में जुट गई। उड़ीसा के दौरे पर गए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने कहा कि हर आतंकी हमला रोकना बेहद मुश्किल है, लेकिन 99 फीसदी हमलों को सतर्कता बढ़ाकर रोका गया है। राहुल के इस बयान से असहज होने के बावजूद कांग्रेस उनके पीछे खड़ी हो गई। कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश के प्रभारी दिग्विजय सिंह ने राहुल के बयान का बचाव करते हुए भारत की सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बताने के लिए पाकिस्तान से तुलना का सहारा लिया। दिग्विजय ने कहा कि हम सवा अरब की आबादी का देश हैं। हमने अपना खुफिया तंत्र मजबूत किया है, लेकिन फिर भी सब कुछ मुकम्मल नहीं होता। हम पाकिस्तान से तो बेहतर हैं, जहां रोजाना विस्फोट पर विस्फोट होते जा रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी कहा कि राहुल का बयान पूरी तरह जायज और तार्किक है। इतने बड़े देश में पूरे प्रयास के बावजूद घटनाएं हो सकती हैं। इस कड़ी में उन्होंने अमेरिका के 9/11 हमले का उदाहरण भी दे दिया। जब पत्रकारों ने याद दिलाया कि उस घटना के बाद अमेरिका में दूसरी आतंकी घटना नहीं हुई तो सिंघवी ने कहा कि भारत की परिस्थितियां वहां से भिन्न हैं। वह यह जोड़ना भी नहीं भूले कि अमेरिका की मौजूदगी वाले पाकिस्तान और अफगानिस्तान में इस तरह की घटनाएं बराबर हो रही हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफुद्दीन सोज ने भी कहा कि भारत बहुत बड़ा देश है और इस तरह की बातें हो सकती हैं। उनके अनुसार, आतंकवाद स्वीकार्य नहीं है, लेकिन व्यवस्था या मुंबई पुलिस में खामी ढूंढ़ने का कोई मतलब नहीं है। इसी के साथ सोज ने यह भी जोड़ा कि उन्हें राहुल गांधी के बयान की जानकारी नहीं है। मुंबई विस्फोटों पर चिदंबरम के बयान की आलोचना करने वाले मुलायम सिंह यादव और लालू यादव ने भी यह कहा कि उन्होंने कांग्रेस महासचिव की टिप्पणियों को सुना नहीं है। कांग्रेस राहुल के बचाव में उतर तो पड़ी है, लेकिन अंदरखाने पार्टी के नेता उनके बयान के बाद खासे असहज हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि ऐसे समय पर जबकि महंगाई जनता के बीच बड़ा मुद्दा हो और लोग असुरक्षित भी महसूस करने लगे हों तो सरकार का बचाव मुश्किल होगा। राहुल गांधी के बयान को वह वास्तविकता तो बताते हैं, लेकिन उन्होंने माना कि इस समय ऐसा बोलने से बचना ही श्रेयस्कर था। यह पहली बार नहीं जब कांग्रेस को राहुल के किसी बयान का बचाव करना पड़ा है अथवा उसकी नए सिरे से व्याख्या करनी पड़ी है। हाल ही में भट्टा-पारसौल में दुष्कर्म और हत्याओं संबंधी राहुल के बयान पर कांग्रेस ने सारा ठीकरा मीडिया पर फोड़ दिया था। इसके पहले हिंदू संगठनों को लश्कर-जैश से ज्यादा खतरनाक बताने वाले राहुल के कथन पर भी पार्टी को सफाई देनी पड़ी थी और उनका बचाव करना पड़ा था।

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