यह कार्यक्रम ग्लोबल फाउंडेशन फॉर सिविलाइजेशनल हारमोनी और विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित किया गया था।
डॉ. खान ने कहा कि गीता ऐसा ग्रन्थ है, जिसमें सभी धर्म का समावेश दिखता है। जबकि आज 90 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिन्होंने इसे पढ़ा तक नहीं है। गीता में जो बातें कहीं गई हैं, वह अलग अलग तरीके से सभी धर्मों में बताया गया है।
लगभग सभी धर्मों के मूल सिद्धांतों और दर्शन मे समानता मिलती है और सद्भावना का संदेश दिया गया है। उन्होंने कुरान और गीता में रोजा और व्रत के धार्मिक महत्वों पर भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने गीता के 700 श्लोकों पर आधारित खुद की लिखी गई 700 कविताओं में से कुछ खास कविताएं सुनाई।
इस अवसर पर ग्लोबल फाउंडेशन फॉर सिविलाइजेशनल हारमोनी के डायरेक्टर केजी सुरेश ने बताया कि विभिन्न संप्रदायों के अनुयाइयों में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में इस्लाम इन द सर्विस ऑफ मदर इंडिया नाम से एक मेला आयोजित करने की योजना बना रहा है।
इस अवसर पर दलाई लामा, श्री श्री रविशंकर, बाबा रामदेव, मौलाना मोहम्मद अली मदनी जैसे सभी धर्मो के बड़े धर्मावलम्बी और आध्यात्मिक गुरुओं ने शिरकत की।
साभार:-दैनिक भास्कर
Source: bhaskar news | Last Updated 01:16(22/03/11)
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