Monday, December 13, 2010

Survey Report: पूरा सिस्‍टम भ्रष्‍ट तो नहीं हो सकती दागियों पर कार्रवाई Source: dainikbhaskar.com

नई दिल्ली. देश के सबसे बड़े कॉरपोरेट घोटाले (2जी स्पेक्ट्रम घोटाला) में सीएजी की ओर से दागी ठहराए जा चुके केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए. राजा को मंत्री पद से हटवाने के लिए तमाम पार्टियां लग गई हैं, लेकिन फिलहाल राजा का बाल बांका होता नहीं दिख रहा है। क्‍या भ्रष्‍ट या दागी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करना इतना मुश्किल है? dainikbhaskar.com के सर्वे में शामिल पाठकों की राय को आधार माना जाए तो इस देश में भ्रष्‍ट नेताओं को सबक सिखाना लगभग नामुमकिन है। इसकी वजह यह है कि पूरा सिस्‍टम ही भ्रष्‍ट है। सर्वे में शामिल सबसे ज्यादा 42.5 फीसदी पाठकों ने यही राय दी। यह सिस्‍टम में लोगों का विश्‍वास खोने का गंभीर संकेत है।

सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक राजा के मनमाने फैसलों के चलते सरकार को सवा लाख करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा की चपत लगी है। इतनी रकम में जनता की भलाई के काफी काम हो सकते थे। इस नुकसान की भरपाई कौन करेगा? सर्वे में शामिल 30.55 फीसदी पाठकों की राय है कि इसका हर्जाना राजा से ही वसूला जाना चाहिए। उन्‍होंने भ्रष्‍ट नेताओं को सबक सिखाने का एक तरीका पूरा हर्जाना वसूलना बताया। भ्रष्‍ट नेताओं का मनोबल इसलिए भी बढ़ता है कि वे यह कह कर पद पर बने रहते हैं कि अभी तो आरोप लगा है, अदालत में दोष साबित नहीं हुआ है और दोष साबित होने में वर्षों लग जाते हैं। इससे बचने का एक तरीका हो सकता है कि ऐसे नेताओं के मामलों की सुनवाई फास्‍ट ट्रैक अदालतों में रोज हो, ताकि फैसला जल्‍दी से जल्‍दी हो सके। 15.74 प्रतिशत पाठकों ने भ्रष्‍ट नेताओं को सबक सिखाने के एक विकल्‍प के रूप में इसके पक्ष में राय दी। कई पाठक तो भ्रष्‍ट नेताओं पर राजनीति करने और सार्वजनिक पद लेने पर ताउम्र पाबंदी के हक में हैं। हालांकि इनकी तादाद ज्‍यादा नहीं रही। सर्वे में शामिल केवल 11.11 प्रतिशत पाठकों ने इस पक्ष में राय दी।

कोट्स

‘ ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल संगठन की भ्रष्टाचार को लेकर जारी की गई 178 देशों की सूची में भारत का स्थान अब 87 स्थान पर है। पिछले साल भारत 84 नंबर पर था। साफ है भारत में भ्रष्टाचार सभी स्तरों पर बढ़ रहा है। यह चिंता का विषय है। सरकार द्वारा इस मुद्दे पर किए गए सभी प्रयास विफल साबित हो रहे हैं।’

- पीएस बावा, अध्यक्ष, ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल(भारत)

‘सरकारी दफ्तरों में संगठित रूप से भ्रष्टाचार किया जाता है और ऐसा लगता है कि सभी भ्रष्ट अफसर एक दूसरे को बचा रहे हैं। प्रशासन में माहौल चिंताजनक है और इस पर अंकुश जरूरी है।’

- एससी सिन्हा, महानिदेशक, राज्य सतर्कता ब्यूरो, हरियाणा


‘भ्रष्टाचारियों को सजा न मिलने पर लोगों का प्रशासन से भरोसा खत्म हो जाएगा। ऐसे व्यक्तियों की संपत्ति जब्त कर, कड़ी कार्रवाई जरूरी है’


- जयप्रकाश नारायण, पूर्व आईएएस



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