Monday, December 13, 2010

जब जज खुद ही विवादों में घिरा हो तो न्‍याय की कैसी उम्‍मीद?’ Source: dainikbhaskar.com |

नई दिल्‍ली. हाल के दिनों में देश की न्‍यायपालिका में भ्रष्‍टाचार की कई शिकायतें आई हैं। ताजा मामला कर्नाटक में हुए जमीन घोटाले की जांच के लिए गठित आयोग के जज बी पद्मराज से जुड़ा है। जेडी(एस) प्रमुख और पूर्व मुख्‍यमंत्री एच डी कुमारस्‍वामी ने आरोप लगाया है कि हाईकोर्ट के पूर्व जज बी पद्मराज एक सोसाइटी में गैर कानूनी तरीके से प्‍लॉट आवं‍टन को लेकर विवादों में फंस चुके हैं।

वित्‍तीय अनियमितता के आरोपी कोलकाता हाईकोर्ट के न्यायाधीश सौमित्र सेन पर भी कानूनी और संसदीय शिकंजा कसता जा रहा है। राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी की नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय समिति ने भी सेन को भ्रष्टाचार में लिप्त पाया है। अब सेन के खिलाफ महाभियोग चल सकता है। सेन पर 33 लाख रुपयों के गबन का आरोप है। 1984 में उन्हें स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया और शिपिंग कार्पोरेशन ऑफ इंडिया के बीच हुए विवाद के चलते रिसीवर नियुक्त किया गया था। इसी दौरान उन्होंने सरकार के 33 लाख रुपए अपने निजी खाते में जमा करा लिए थे।


कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पीडी दिनकरन के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही के आधारों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के जज वीएस सिरपुरकर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। राज्यसभा के 75 सदस्यों ने जमीन पर कब्जा करने के आरोपों से घिरे दिनकरन को पद से हटाने की मांग की है।

सुप्रीम कोर्ट ने एक और घोटाले में हाल में सीबीआई की अर्जी को खारिज कर दिया है। अर्जी में गाजियाबाद अदालत के कर्मचारियों की पीएफ संबंधी घोटाले के मामले की सुनवाई उत्तर प्रदेश की अदालत से दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग की गई थी। इस घोटाले में कुछ न्यायिक अधिकारियों और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीशों का नाम आया था।

सीबीआई के आरोपपत्र में छह सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के नाम हैं, इनमें से रवीन्द्र कुमार मिश्रा, अजय कुमार सिंह और राधे श्याब चौबे को प्रमोशन देकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय भेज दिया गया था। अन्य तीन न्यायाधीशों में राम प्रसाद मिश्र, आरपी यादव और अरुण कुमार शामिल हैं। इस मामले में कुल 70 आरोपी हैं।
इस घोटाले के तहत आरोपियों ने फर्जीवाड़ा कर गाजियाबाद जिला न्यायालय के तृतीय और चतुर्थ श्रेणियों के भविष्य निधि खाते से रुपये निकाल लिए थे।

No comments: