Saturday, December 11, 2010

देवताओं में शनि ही दबंग हैं

देवताओं में शनि ही दबंग हैं


छह साल पहले जब मैं वैशाली के अपने अपार्टमेंट में रहने आया था तब यह पीपल का पेड़ सुनसान था। इसके पीछे चाय की दुकान हुआ करती थी। अब भी है। फिर कुछ दिनों बाद सब्जीवाले ने यहां कुछ टूटे-फूटे हिन्दू देवी-देवताओं की लघुप्रतिमाएं रख दीं। तब से वो कोशिश रह था कि इस पीपल के पेड़ को मंदिर की मान्यता मिल जाए और लोग पूजा आरती करने लगे। मकसद कुछ चढ़ावे का भी रहा होगा। लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली। फिर उसने शंकर पार्वती और हनुमान की छोटी प्रतिमाओं के ऊपर घरौंदे जैसी छत बना दी। लघु-मंदिर की शक्ल देने की कोशिश की। तब भी लोग नहीं आए। कल मेरी नज़र पड़ी तो माज़रा बदला हुआ लगा। अंधेरे में दो तीन महिलाएं आरती कर रही थीं।

ध्यान दिया तो नीचे शनि देव नज़र आए। मेरे प्रिय अध्ययनरत देव। उनके लिए भी सीमेंट की कुटिया बन गई है। सरसों तेल बह रहा था। ऊपर आरती का बोर्ड लग गया है। आप अगर शनि की पूजा न जानते हों तो बोर्ड पर लिखी आरती पढ़ते जाइये और अंत में दान देना न भूलें। मैं शुरू से कहता रहा हूं कि पिछले पंद्रह सालों में शनि और साईं से लोकप्रिय देव कोई नहीं हुए। हनुमान और दुर्गा मंदिरों की सत्ता ख़तरे में हैं। जब तक शनि प्रतिष्ठापित नहीं किए जाते हैं मंदिर हो या पीपल का पेड़ को कोई नमस्कार के लिए भी नहीं रूकता। शनि असली सलमान खान है। पूरे दबंग। भीड़ जुटाने वाले अकेले देवता। मैं अपने घर के सामने शनि की इस विकास यात्रा पर नज़र रखूंगा। पूरा भरोसा है कि एक दिन यहां बड़ा मंदिर बन जाएगा। देखते हैं क्या होता है।
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साभार:-क़स्बा ब्लॉग

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